Logic
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कदम तो बहुत पहले ही उठा दिए थे मंजिलों की तरफ
मंजिलें हांसिल करने पर पता चला इच्छाएं तो कुछ और ही थीं।
मेरा मानना है किसी भी वस्तु या व्यक्ति पर सोच विचार तथा आलोचना करके उसे बेहतर बनाया जा सकता है। क्यूंकि अगर एक बार आदमी सोचना शुरू कर दे तो गलत चीज के साथ बहुत देर तक राजी नहीं रह सकता। उसमे टूट शुरू हो जाएगी।
मैं आशा करता हूँ यह ब्लॉग विभिन्न वस्तुओं, व्यक्तियों एवं जीवन के तर्क को उजागर करने में सहयोग देगा।
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